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Friday, 29 May 2020

इंटरनेट क्या है (what is internet?)

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे ब्लॉग पर, दोस्तों इस पोस्ट में हम जानने वाले हैं इंटरनेट के बारे में इंटरनेट क्या है, उसका विकास कैसे हुआ, और भी ढ़ेर सारी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे दोस्तों इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं।

इंटरनेट क्या है (what is internet?)


     इंटरनेशनल नेटवर्किंग (international networkking) का  संक्षिप्ताक्षर है। यह दुनिया भर में फैले हुए अनेक छोटे-बड़े कंप्यूटर नेटवर्क को के विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा आपस में जुड़ेने से बना विशाल व विश्वव्यापी जाल (global network) है जो समान नियमों (protocols) का अनुपालन कर एक दूसरे से संबंध स्थापित करते हैं तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव बनाते हैं।

      इंटरनेट नेटवर्कों का नेटवर्क है। यह संसार का सबसे बड़ा नेटवर्क है जो दुनिया भर में फैले व्यक्तिगत, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यापारिक तथा सरकारी नेटवर्कों में जुड़ने से बनता है।

        इंटरनेट को हम आधुनिक युग के संदेशवाहक की संख्या दे सकते हैं। इस तकनीक का प्रयोग कर हम किसी सूचना, जिसमें डाटा (Data), टेक्स्ट (text), ग्राफ (graph), चित्र (image), ध्वनि (audio) तथा चलचित्र (video), शामिल हैं, को पलक झपकते ही दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में भेज सकते हैं तथा इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों में रखी गई विशाल सूचनाओं में से वांछित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण ही आधुनिक युग को संचार क्रांति का युग भी कहा जाता है।

इंटरनेट का विकास (Development of Internet)

प्रो.जे.सी. लिक्लाइडर (J.C. Licklider) सर्वप्रथम इंटरनेट की स्थापना का विचार 1962 में दिया था इसी कारण इन्हें इंटरनेट का जनक माना जाता है।

इंटरनेट का आरंभ 1969 ई.  में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा अर्पानेट (ARPANET -ADVANCED RESEARCH PROJECT AGENCY NET) के विकास से किया गया। अर्पानेट को दुनिया का पहला नेटवर्क कहा जाता है। अर्पानेट का प्रयोग रक्षा विभाग में अनुसंधान व विकास के कारण कार्य में किया गया 1989 में इंटरनेट को आम जनता के लिए खोल दिया गया।

1989 में टीम बर्नर्स ली हाइपरटक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज  (HTML) का विकास किया।

वर्ल्ड वाइड वेब(www-world wide web) का प्रस्ताव टिम बर्नर्स ली  (Tim berners-lee) द्वारा 1989 ईस्वी में दिया गया था इसी कारण इंग्लैंड, के वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली को वर्ल्ड वाइड वेब का जनक माना जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब( WWW) पर हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल HTTP तथा टीसीपी/आईपी TCP/IP के द्विस््तरीय नियमो का पालन किया जाता है।

वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का पहला आम प्रयोग 6 अगस्त 1991 को किया गया।

Mosaic वर्ल्ड वाइड वेब पर प्रयुक्त पहला ग्राफिकल वेब ब्राउजर (Graphical Web Browser) था जिसका विकास मार्क एंडरसन(Marc Andreessen) ने 1993 में किया था।

1993 ई. में सर्न (CERN- European Organization for Nuclear Research) ने वर्ल्ड वाइड वेब को नि:शुल्क उपयोग के लिए उपलब्ध कराया।

1994 ईस्वी में वर्ल्ड वाइड वेब के लिए विभिन्न मानकों तथा प्रोटोकॉल का विकास करने के लिए (world wide web consortium-W3C) संघ की स्थापना की गई।

15 अगस्त 1995 ई. को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL)  द्वारा भारत में इंटरनेट सेवा का आरंभ किया गया।

                  

                   क्या आप जानते हैं?


प्रोफेसर जे. सी. लिक्लाइडर को इंटरनेट का जनक (father of internet) माना जाता है जिन्होंने (ARPANET) के गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आर्पानेट नेट से ही वर्तमान इंटरनेट व्यवस्था का जन्म माना जाता है।

        इंग्लैंड के वैज्ञानिक टीम बर्नर्स ली को वर्ल्ड वाइड वेब  का जनक (Father of World wide Web) माना जाता है। इन्होंने 1989 में हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) का भी विकास किया।

इंटरनेट कैसे कार्य करता है?(How internet works)

      दुनिया भर के अनेक छोटे-बड़े कंप्यूटर नेटवर्क को विभिन्न संचार माध्यमों से आपस में जुड़ने से इंटरनेट का निर्माण होता है। इंटरनेट client server model पर काम करता है। इंटरनेट से जुड़ा प्रत्येक कंप्यूटर एक सर्वर से जुड़ा होता है तथा संसार के सभी सर्वर विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा आपस में जुड़े होते हैं। सर्वर अपने से जुड़े उपयोगकर्ता (client) को मांगी गई सूचना या डाटा उपलब्ध कराता है। यदि मांगी गई सूचना उस सरवर के पास उपलब्ध नहीं है तो वह उस सरवर की पहचान करता है जहां यह सूचना उपलब्ध है तथा उसे सरवर से सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध करता है।

     इंटरनेट  से जुड़े कंप्यूटरों के बीच डाटा स्थानांतरण के लिए यह आवश्यक है कि सभी नेटवर्क एक समान नियमों या प्रोटोकॉल का उपयोग करें। ओपेन आर्टिटेक्चर  नेटवर्किंग द्वारा टीसीपी/आईपी (TCP/IP) के द्विस्तरीय नियमों के पालन द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान सुविधाजनक बनाया गया है। इसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पैकेट स्विचिंग (Packet Switching) का प्रयोग किया जाता है जिसमें सूचनाओं का बंडल (Packet) बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इस कारण, एक ही संचार माध्यम का उपयोग विभिन्न उपभोक्ताओं द्वारा किया जा सकता है। इससे दुनिया भर के कंप्यूटर एक दूसरे से सीधे जुड़े बिना भी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
 
     किसी कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता (internet service provider) की सेवा लेनी पड़ती है। टेलीफोन  लाइन या वायरलेस तकनीक द्वारा कंप्यूटर को इंटरनेट सेवा प्रदाता के जोड़ा जाता है। इसके लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता को कुछ शुल्क भी देना पड़ता है।

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दोस्तों आपका अपना अमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और भी कंप्यूटर के रिलेटेड महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आप हमारे ब्लॉक से जुड़े रहे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद





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