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Sunday, 14 June 2020

June 14, 2020

इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के नाम

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे ब्लॉग.. madhavCS5 पर

...दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम बात करने वाले हैं इनपुट और आउटपुट डिवाइस के बारे में जो कि हम इमेजेस के साथ में आपको बताएंगे इनपुट डिवाइस कितने प्रकार की होती हैं और आउटपुट डिवाइस कितने प्रकार की होती हैं आप हमारी पूरी पोस्ट जरूर पढ़ें आइए आगे बढ़ते हैं ।


इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के नाम

इनपुट डिवाइस

यह वे हार्डवेयर होते हैं जो डाटा को कंप्यूटर में भेजते हैं बिना इनपुट यूनिट के कंप्यूटर टीवी की तरह दिखने वाली है कैसी डिस्प्ले यूनिट हो जाता है जिससे उपयोगकर्ता कोई कार्य नहीं कर सकता जैसे कीबोर्ड माउस आदि।

कुछ प्रमुख इनपुट डिवाइस के नाम

(I)  की-बोर्ड (Keyboard)

यह सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली इनपुट डिवाइस है इससे कंप्यूटर में डाटा या सूचनाएं इनपुट कराई जाती हैं यह टाइपराइटर के समान होता है इसमें कुंजियों को दबाकर कोई भी टेक्स्ट; जैसे- शब्द, संख्याएं और अनेक तरह के चिन्ह टाइप किए जा सकते हैं।


       


तो आइए जानते हैं कि बोर्ड मैं कुंजियां कितने प्रकार की होती हैं-

कीबोर्ड में कुंडलियों के प्रकार

(a) अक्षरांकीय कुंजियां (Alphanumeric Keys)
इसके अंतर्गत अक्षर कुंजियां (A, B,...........Z) और अंकीय कुंजियां (0,1,2.........9) आती हैं।


(b) विराम चिन्ह कुंजियां (punctuation keys) कामा, डॉट, सेमीकालन, ब्रैकेट, कोष्टक इत्यादि विराम चिन्ह कुंजियां कहलाते हैं।


(c)  विशेष कुंजियां (Special Keys) कंट्रोल, ऐरो, कैप्सलॉक, डिलीट, ऑल्ट, शिफ्ट कुंजियां इत्यादि विशेष कुंजियां कहलाती हैं।


(d) माडिफायर कुंजियां  (modifier keys)  शिफ्ट, कंट्रोल तथा आल्ट कुंजिया माडिफायर कुंजिया कहलाती हैं।



(e) फंक्शन कुंजियां (Function Keys) F1 से F12 तक की फुंसियों को फंक्शन  कुंजी कहते हैं इनका प्रयोग कंप्यूटर में परिभाषित विशिष्ट कार्यों के लिए किया जाता है।


(II) माउस  (Mouse) या एक प्रकार की पेंटिंग और इनपुट डिवाइस दोनों है इसका प्रयोग कर्स़र  या प्वाइंटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त माउस का प्रयोग कंप्यूटर में ग्राफिक्स (Graphics) की सहायता से कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए करते हैं इसमें सामान्यता दो या तीन बटन होते हैं एक बटन को बायां बटन (Left Button) और एक बटन को दायां बटन (Right Button) कहते हैं दोनों बटन ओं के बीच में एक स्क्रोल व्हील (Scroll Wheel) होता है, जिसका प्रयोग किसी फाइल में ऊपर या नीचे के पेज पर कर्सर को ले जाने के लिए करते हैं।




माउस सामान्यता तीन प्रकार के होते हैं

1. वायरलेस माउस (Wireless Mouse)

2. मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)

3. ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse)

 माउस के चार प्रमुख कार्य

1. क्लिक या लैफ्ट क्लिक (click or left click) यह स्क्रीन पर किसी एक आब्जेक्ट को चुनता है।

2. डबल क्लिक (Double Click) इसका प्रयोग एक डॉक्यूमेंट या प्रोग्राम को खोलने के लिए करते हैं।

3. दायां क्लिक (Right Click) स्क्रीन पर आदेशों की एक सूची दिखाता है अदाएं क्लिक का प्रयोग किसी चुने हुए ऑब्जेक्ट के गुण को एक्सेस करने के लिए करते हैं।

4. ड्रैग और ड्रॉप (Drag and Drop) इसका प्रयोग किसी ऑब्जेक्ट को स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं।

(III) ट्रैकबॉल (Trackball)  यह एक प्रकार की प्वाइंट इन डिवाइस है जिसे माउस की तरह प्रयोग किया जाता है इसमें एक बार ऊपरी सतह पर होती है इसका प्रयोग कर्स़र के मूवमेंट (Movement) को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

 इसका प्रयोग CAD (Computer Aided Design Workstation,  CAM (Computer Aided Manufacturing Workstation) वर्कस्टेशनों कंप्यूटरीकृत वर्कस्टेशनों (Computerised Workstation) जैसे कि एयर-ट्रेफिक कंट्रोल रूम राडार कंट्रोल आदि ।


(IV) जॉयस्टिक (Joystick) या एक प्रकार की पॉइंटिग डिवाइस होती है जो सभी दिशाओं में मूव करती हैं और कर्स़र के मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं जॉयस्टिक का प्रयोग फ्लाइट सिम्युलेटर (Flight Simulator)  कंप्यूटर गेमिंग, CAD/CAM सिस्टम में किया जाता है इसमें एक हैंडल (Handle) लगा होता है जिसकी सहायता से कर सके मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं।

Joystick





(V) लाइट पेन (Light Pen) हाथ से चलाने वाली electro-optical पॉइंट डिवाइस है, जिसका प्रयोग ड्राइंग (Drawings) ग्राफिक्स बनाने के लिए और मेनू सिलेक्ट करने के लिए करते हैं, यह पेन स्क्रीन के पास जाकर प्रकाश को सेन्स (Sense) करता है तथा उसके बाद पल्स (Pulse) उत्पन्न करता है । इसका प्रयोग मुख्य रूप से पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (Personal Digital Assistant, PDA) में करते हैं इसका प्रयोग स्क्रीन पर किसी विशिष्ट स्थिति (Location) को पहचानने के लिए करते हैं।


(VI) टच स्क्रीन  (Touch Screen) या यह प्रकार की इनपुट डिवाइस है जो उपयोगकर्ता से तब इनपुट लेता है जब उपयोगकर्ता अपनी अंगुलियों को कंप्यूटर स्क्रीन पर रखता है टच स्क्रीन का प्रयोग सामान्यता एटीएम (ATM), एयरलाइन आरक्षण (Airline Reservation), बैंक (Bank), सुपर मार्केट (Super Market), मोबाइल (Mobile) आदि के कार्यों में किया जाता है।





(VII) बारकोड रीडर (Barcode Reader) या एक इनपुट डिवाइस होती है जिसका प्रयोग किसी उत्पाद (Product) पर छपे हुए बारकोड यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड को पढ़ने के लिए किया जाता है बारकोड रीडर से प्रकाश की किरण निकलती है फिर उस किरण को बारकोड इमेज पर रखते हैं एक बार कोड पहचानने के बाद इसे सांख्यिक कोड (Numeric Code) में परिवर्तित करता है। बारकोड रीडर का अधिक प्रयोग सुपर मार्केट में किया जाता है, जहां पर बारकोड रीडर के द्वारा आसानी से किसी उत्पाद का मूल्य पढ़ा जाता है। बारकोड गाढ़ी और हल्की स्याही की ऊर्ध्वाधर रेखाएं हैं, जो सूचना के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं तथा मशीन इसे आसानी से पढ़ लेती हैं।




(VIII) ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader, OMR) यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी कागज पर बनाए गए चिन्हों को पहचानने के लिए किया जाता है। यह कागज पर प्रकाश की किरण छोड़ता है और प्रकाश की किरण जिस चिन्ह  पर पड़ती है, उस चिन्ह को OMR पढ़कर कंप्यूटर को इनपुट दे देता है।

OMR की सहायता से किसी वस्तुनिष्ठ प्रकार (Objective Type) की प्रयोगात्मक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जांच की जाती है। इसकी सहायता से हजारों प्रश्नों के उत्तर बहुत ही कम समय में आसानी से जांचा जा सकता है।




(IX) ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन (optical character recognition, OCR) प्रकाश स्रोत की सहायता से कैरेक्टर की आकृति को पहचानने की तकनीक को अब निकल कैरक्टर रिकॉग्निशन कहा जाता है। यह ओ एम आर (OMR) का ही विकसित रूप है। यह केवल साधारण चिन्हों को ही नहीं बल्कि छापे गए या हाथ से साफ-साफ लिखे गए अक्षरों को भी पढ़ लेता है, इसका उपयोग पुराने डॉक्यूमेंट को पढ़ने में किया जाता है, इसका प्रयोग जैसे- टेलीफोन, इलेक्ट्रिसिटी बिल, बीमा प्रीमियम आदि को पढ़ने में किया जाता है। OCR  की अक्षरों को पढ़ने की गति 1500 से 3000 कैरेक्टर प्रति सेकंड होती है।




(X) मैग्नेटिक इंक कैरक्टर रिकॉग्निशन  (Magnetic Inc Character Recognition, MICR) या सूचनाओं के आकार का परीक्षण मैट्रिक्स के रूप में करता है,उसके बाद उसे पड़ता है और पढ़ने के बाद सूचनाओं को कंप्यूटर में भेजता है इसका प्रयोग बैंकों में चेक में नीचे छापे मैग्नेटिक एनकोडिंग संख्याओं को पहचानने और प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।

2आउटपुट यूनिट/डिवाइसेज  Output Unit/Devices  इन डिवाइस इस का प्रयोग सीपीयू से प्राप्त परिणाम को देखने अथवा प्राप्त करने के लिए किया जाता है आउटपुट डिवाइस आउटपुट को हार्ड कॉपी अथवा सॉफ्ट कॉपी के रूप में प्रस्तुत करता है सॉफ्ट कॉपी वह आउट होता है जो उपयोगकर्ता को कंप्यूटर के मॉनिटर पर दिखाई देता है अथवा स्पीकर में सुनाई देता है जबकि हार्ड कॉपी आउटपुट होती हैं जो उपयोगकर्ता को पेपर पर प्राप्त होता है।


कुछ प्रमुख आउटपुट डिवाइस निम्न है जो आउटपुट को हार्ड कॉपी सॉफ्ट कॉपी के रूप में प्रस्तुत करते हैं

मॉनिटर

कैथोड रे ट्यूब

एल सी डी

एल ई डी

प्रिंटर

प्लॉटर

हेडफोंस

स्पीकर

प्रोजेक्टर



भाषण संश्लेषक Speech Synthesizar 

भाषण संश्लेषण (Synthesis) मानव भाषण का कृतिम (Artificial)  उत्पादन है। इस उद्देश्य के लिए उपयोग की जाने वाली के कंप्यूटर प्रणाली को भाषण कंप्यूटर (Speech Computer) या भाषण सिंथेसाइजर (Speech Synthesizer) कहा जाता है। इसका उपयोग टेक्स्ट से ध्वनि उत्पन्न करने के लिए किया जाता है और इसे सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर में इंप्लीमेंट किया जा सकता है। एक टेक्स्ट-टू-स्पीच (TTS) सामान्य भाषा टेक्स्ट को भाषण (Speech) में परिवर्तित करती है।


आपका अपना अमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

उम्मीद करता हूं इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस अच्छे से समझ में आया होगा।

यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो आप हमें FOLLOW करें हम आपके लिए इसी तरह प्रतिदिन मेहनत करते रहेंगे और अच्छी से अच्छी जानकारी आपको देते रहेंगे धन्यवाद🙏✍️

Saturday, 13 June 2020

June 13, 2020

कंप्यूटर के प्रकार ( Types of computer)

  कंप्यूटर का वर्गीकरण classification of computer

कंप्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कामकाज, उद्देश्य इत्यादि के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है,
जिन का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है

आकार के आधार पर

माइक्रो कंप्यूटर

मिनी कंप्यूटर

मेनफ्रेम कंप्यूटर

सुपर कंप्यूटर

आकार के आधार पर (on the basis of size)

आकार के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है

1. माइक्रो कंप्यूटर (micro computer) ये कंप्यूटर इतने छोटे होते हैं कि इन्हे डेस्क पर सफलतापूर्वक रखा जा सकता है।इन्हें कंप्यूटर ऑन एचएफ भी कहा जाता है आधुनिक युग में माइक्रो कंप्यूटर फोन के आकार पुस्तक के आकार तथा घड़ी के आकार में भी उपलब्ध हैं इन कंप्यूटरों का उपयोग मुख्यतः व्यवसाय तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है आजकल यह सभी पसी की श्रेणी में आते हैं पीसीएस को नेटवर्क के रूप में कनेक्ट किया जा सकता है जैसे- IMAC, IBM PS/2, APPLE, MAC  इत्यादि।

 माइक्रोकंप्यूटर्स निम्न प्रकार के होते हैं

I). डेक्सटॉप कंप्यूटर (desktop computer) यह पर्सनल कंप्यूटर पीसी का सबसे अधिक उपयोग होने वाला रूप है वर्तमान समय में पीएस सी को छोटा करके आज लैपटॉप और पॉम पॉम का आकार दे दिया है फिर भी अधिकांश घरों और व्यवसाय व्यापारिक स्थानों पर डिस्टर्ब प्रयोग किए जाते हैं क्योंकि यह सस्ते मजबूत और ज्यादा चलने वाले होते हैं।


II ) लैपटॉप (Laptop) पिछले वर्षो में हुए तकनीकी विकास ने माइक्रो कंप्यूटर का आकार इतना शोषण कर दिया है कि उन्हें सरलता पूर्वक इधर-उधर ले जाया जा सकता है और साधारण व्यक्ति भी इनको खरीद कर उपयोग में ला सकता है ऐसे कंप्यूटरों को लैपटॉप कहा जाता है लैपटॉप को कभी-कभी नोटबुक (Notebook) भी कहा जाता है।


 III).पॉम टॉम (Palmtom) या लैपटॉप की तरह पोर्टेबल पर्सनल कंप्यूटर है या लैपटॉप से भी हल्का और छोटा होता है या इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे हाथ में रखकर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है इसलिए इसे टॉम टॉम या पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDA) कहा जाता है।

IV).  वर्क स्टेशन (workstation) यह कंप्यूटर अभियांत्रिकी तकनीकी और ग्राफिक्स की कार्यों के साथ-साथ एकल व्यक्ति के साथ पारस्परिक व्यवहार में भी प्रयोग होता है।



2. मिनी कंप्यूटर मध्यम आकार के इन कंप्यूटरों की कार्य क्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कंप्यूटर की तुलना से अधिक होती इस प्रकार के कंप्यूटरों पर एक या एक से अधिक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं इनका उपयोग प्रिया छोटी या मध्यम दर्द की कंपनियां करती है कंप्यूटर की तरह प्रयोग होते हैं जिसे सरवर कहा जाता है जैसे-HP 9000, RISC 6000, BULL HN-DPX2 और AS 400 आदि।


3. मेनफ्रेम कंप्यूटर (mainframe computer) ये कंप्यूटर आकार में अत्याधिक बड़े होते हैं। ये कंप्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होते हैं। अधिकतर कंपनियों में मेनफ्रेम कंप्यूटरों का उपयोग भुगतानों  का ब्यौरा रखनेें बिलों को भेजने  कर्मचारियों का भुगतान करने, उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का ब्यौरा रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है।




4. सुपर कंप्यूटर (super computer) ये कंप्यूटर सर्वाधिक गति, संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं। इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है। विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर क्रे रिसर्च कंपनी द्वारा वर्ष 1976 में विकसित क्रे-1 था। भारत द्वारा निर्मित प्रथम सुपर कंप्यूटर का नाम परम(PARAM) है। इसका विकास C-DAC ने पुणे में किया है। भारत में देश का सबसे तेज और पहला अल्टिपेटाफ्लोस्प सुपर कंप्यूटर 8 जनवरी 2018 को पुणे में स्थापित किया गया था। इसका नाम प्रत्यूष (pratyush) रखा गया एवं इसकी क्षमता 6.8 पेटाफ्लॉप  है।
 सुपर कंप्यूटर का मुख्य उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, एनिमेशन का निर्माण करने, अंतरिक्ष यात्रा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने, बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करने इत्यादि कार्यों में किया जाता है। जैसे PARAM, PARAM-II, YUVA PRATYUSH आदि।

            कार्य के आधार पर

कार्य के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं
 जिन का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है।


1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer) भौतिक मात्राओं;  जैसे- दाब, तापमान, लंबाई, पारे इत्यादि को मापकर उनके परिणाम को अंको में प्रस्तुत करने के लिए एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। क्योंकि ये कंप्यूटर मात्राओं को अंकों में प्रस्तुत करते हैं, इसलिए इनका उपयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में अधिक किया जाता है; जैसे- स्पीडोमीटर, भूकंप-सूचक यंत्र आदि।


2. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) अंकों की गणना करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। आधुनिक युग में प्रयुक्त  अधिकतर कंप्यूटर,  डिजिटल कंप्यूटर की श्रेणी में ही आते हैं। इनपुट किए गए डाटा और प्रोग्राम को 0 और 1 में परिवर्तित करके इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत करते हैं। डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग व्यापार में, घर के बजट में, एनिमेशन के क्षेत्र में विस्तृत रूप से किया जाता है जैसे डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप आदि।


3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer) हाइब्रिड कंप्यूटर इन कंप्यूटर को कहा जाता है। जिनमें एनालॉग तथा डिजिटल दोनों ही कंप्यूटरों केेे गुड सम्मिलित हों इसकेे द्वारा भौतिक मात्राओं को अंको मेंंंंंं परिवर्तित करके उसे डिजिटल रूूप में ले आतेे हैं।
 चिकित्सा केे क्षेत्र मैं इसकाा सर्वाधि उपयोग होता है। जैसे-ECG-और DIALYSIS मशीन।

Sunday, 31 May 2020

May 31, 2020

पर्सनल कंप्यूटर का विकास (Development of Personal Computer)





पर्सनल कंप्यूटर का विकास (Development of Personal Computer) : 1970 में माइक्रो प्रोसेसर (microprocessor) के विकास ने माइक्रो कंप्यूटर को जन्म दिया 1981 में आईबीएम (IBM-International Business Machine) नामक कंपनी ने पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण किया जिसे आईबीएम पीसी कहा गया बाद में मरने वाले बीसी आईबीएम पीसी कंपैटिबल (IBM PC Compatible) कहलाए, अर्थात वे कार्य और क्षमता में आईबीएम पीसी जैसे ही है तथा उन पर भी सभी कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं जो आईबीएम पीसी पर चलते हैं।


       वर्तमान में प्रचलित पर्सनल कंप्यूटर को मदरबोर्ड की डिजाइन के आधार पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है-
   
 (I) पीसी- एटी (PC-AT Personal Computer Advanced Technology)

 (II) पीसी-एटीएक्स (PC-ATX Personal Computer Advanced Technology Extanded) 

  (III) पेंटियम पीसी (Pentium PC) .




पीसी के घटक (Parts of Personal Computer)




वर्तमान पीसी के आवश्यक घटक है-

 
    (I) सिस्टम यूनिट (System Unit)

   (II)  मानीटर (Monitor) या वीडीयू (VDU)

   (III) की-बोर्ड (Keyboard)

   (IV) माउस (Mouse)

   (V) हार्डडिस्क (Hard Disk Drive)


मल्टीमीडिया के प्रयोग के लिए कुछ आवश्यक घटक हैं-

  (I) सीडी रोम ड्राइव ( CD ROM Drive)

  (II) स्पीकर (Speaker)

  (III) माइक (Mike)

   (IV) मॉडेम (Modem)

   (V) वेब कैम (Web Cam)


पीसी के कुछ एच्छिक घटक हैं-

  (I) प्रिंटर (Printer)

  (II) फ्लॉपी ड्राइव (Floppy Drive)

 (III) स्कैनर (Scanner)

 (IV) जॉयस्टिक (Joystick)

कंप्यूटर को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए घटक हैं-

(I) यूपीएस (UPS-Uninterrupted Power Supply)

(II) सीवीटी (CVT-Constant Voltage Transformer)

 सिस्टम यूनिट (System unit)
    
  यह पीसी का मुख्य भाग्य है। कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्य यहीं संचालित होते हैं। जहां विभिन्न सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा निर्मित नियंत्रित किया जाता है। पीसी के अन्य सभी घटक इसी से जुड़े रहते हैं।



    वाह्य संरचना के आधार पर यह दो प्रकार का होता है-


 डेक्सटॉप टाइप (Desktop Type) : इसमें सिस्टम यूनिट का चौकोर बास्टेबल पर पड़ा रहता है तथा मानीटर उसके ऊपर रखा जाता है।



  टावर टाइप (Tower Type) : इसमें सिस्टम यूनिट का बॉक्स टेबल पर सीधा खड़ा रहता है तथा मॉनिटर उसके बगल में रखा जाता है वर्तमान में क्या अधिक प्रचलित है कंप्यूटर केबिनेट प्लास्टिक किया एलमुनियम का बना एक बक्सा होता है कंप्यूटर सिस्टम यूनिट के सभी घटक ऋषिकेश के अंदर स्थापित किए जाते हैं यह सिस्टम यूनिट के बाहरी संरचना का निर्माण करता है।






May 31, 2020

कंप्यूटर की कार्यपद्धति


दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे ब्लॉग पर, इस पोस्ट में आपको जानकारी होगी कंप्यूटर किसके भरोसे कार्य करता है और किसके सहारे कंप्यूटर चलता है तो दोस्तों बात करें तो इसमें हार्डवेयर सॉफ्टवेयर और ऐसे कई सारे पाठ से जिनकी मदद से कंप्यूटर कार्य करने में सहायक है।तो दोस्तों अधिक जानकारी के लिए आप पूरी पोस्ट अवश्य पढ़ें ताकि आपको किसी से कुछ पूछने की जरूरत ना पड़े।



कंप्यूटर की कार्यपद्धति 

   आपकी जानकारी के लिए बता दे किसी भी कंप्यूटर को कार्य करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है- हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर।

हार्डवेयर (Hardware) : कंप्यूटर मशीन तथा कल पुर्जों को हार्डवेयर कहते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर की भौतिक संरचना है। वस्तुतः सभी चीजें जिन्हें हम देख हुआ छू सकते हैं, हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं। जैसेे- सिस्टम यूनिट, मॉनिटर, प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस, मेमोरी डिवाइस आदि।

   सॉफ्टवेयर (Software) : हार्डवेयर कोई भी कार्य स्वयं संपादित नहीं कर सकता। किसी भी कार्य को संपादित करने के लिए हार्डवेयर को निर्देश दिया जाना आवश्यक है यह कार्य सॉफ्टवेयर द्वारा किया जाता है।

     सॉफ्टवेयर प्रोग्राम नियमों व अनुदेशकों का वह समूह है जो कंप्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करता है तथा कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर के बीच समन्वय स्थापित करता है सॉफ्टवेयर यह निर्धारित करता है कि हार्डवेयर कब और कौन सा कार्य करेगा सॉफ्टवेयर को हम देख या झूठ नहीं सकते इस प्रकार, अगर हार्डवेयर इंजन है तो सॉफ्टवेयर उसका ईंधन।

कंप्यूटर की कार्यप्रणाली
(Working principle of computer)

        कंप्यूटर की कार्य प्रणाली को मोटे तौर पर पांच भागों में बांटा जाता है जो हर प्रकार के कंप्यूटर के लिए आवश्यक है।

    (I) इनपुट (input): कंप्यूटर में डाटा तथा अनुदेशों (Data and Instruction) को डालने का कार्य इनपुट कहलाता है इसे इनपुट यूनिट द्वारा  संपन्न किया जाता है।
   
  (II) भंडारण (Storage) : डाटा तथा अनुदेशकों को मेमोरी यूनिट में स्टोर किया जाता है ताकि आवश्यकता अनुसार उनका उपयोग किया जा सके कंप्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग के पश्चात प्राप्त अंतरिम तथा अंतिम परिणामों (intermediate and) को भी मेमोरी यूनिट में स्टोर किया जाता है।

     (III) प्रोसेसिंग (Processing) : इनपुट द्वारा प्राप्त डाटा पर अनुदेशकों के अनुसार अंकगणितीय व तार्किक गणनायें (Arithmetical and Logical Operations) कर उसे सूचना में बदला जाता है तथा वांछित कार्य संपन्न किए जाते हैं।

    (IV) आउटपुट (Output): कंप्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग के पश्चात सूचना या परिणामों को उपयोगकर्ता के समक्ष प्रदर्शित करने का कार्य आउटपुट कहलाता है इसे आउटपुट यूनिट द्वारा संपन्न किया जाता है।

     (V)कंट्रोल (Control) : विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रयुक्त उपकरणों, अनुदेशों और सूचनाओं को नियंत्रित करना और उनके बीच तालमेल स्थापित करना कंट्रोल कहलाता है।


          कंप्यूटर हार्डवेयर के मुख्य भाग
      (Main components of computer)

      कंप्यूटर की आंतरिक संरचना विभिन्न कंप्यूटरों  में अलग-अलग हो सकती है पर कार्य पद्धति के आधार पर इन्हें निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है।

   (I) इनपुट यूनिट (input unit)

    (II) भंडारण यूनिट या मेमोरी (storage unit or Memory

    (III)    सिस्टम यूनिट (system unit)


  (a) मदर बोर्ड ( Mother Board)
 
  (b) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ( Central Processing Unit)

  (c) प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory)


   (IV) आउटपुट यूनिट (Output Unit)







     दोस्तों आपका अपना अमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

कंप्यूटर से संबंधित सॉफ्टवेयर से संबंधित हार्डवेयर से संबंधित इंटरनेट से संबंधित और टेक्निकल जानकारी आप हमारी पोस्ट से प्राप्त कर सकेंगे तो दोस्तों आपसे यही निवेदन है कि आप हमारी पोस्ट पर हमेशा इसी तरह अपना प्यार देते रहें आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।





Sunday, 17 May 2020

May 17, 2020

कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computer)


नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉक पर आज की पोस्ट में हम कंप्यूटर के उपयोग, कंप्यूटर के कार्य और कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को विस्तार पूर्वक समझेंगे।



कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computer)
  1. शिक्षा के क्षेत्र (Education) में
  2.  वैज्ञानिक अनुसंधान (scientific research) में 
  3. रेलवे तथा वायुयान आरक्षण(Railway and Airlines Reservation) में 
  4. बैंक (Bank) 
  5. रक्षा के क्षेत्र (Defence) में 
  6. व्यापार (Business) में
  7. प्रशासन (Administration) में
  8.    चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) में
  9. प्रकाशन(Publication) में 
  10. संचार (Communication) में
  11.  मनोरंजन (Recreation) में



कंप्यूटर्स के कार्य (Functions of Computer)

  1. डेटा संकलन (Data collection)
  2. डेटा संचयन (Data storage)
  3. डेटा संसाधन (Data processing)
  4. डेटा निर्गमन (Data output)

डेटा प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग
(Data Processing & Electronic Data Processing)

         कंप्यूटर के निर्माण से पहले निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डाटा का संकलन संचयन संसाधन और निर्गमन हस्त चलित विधि (Manual Method) से होता था जिसे डाटा प्रोसेसिंग काटे थे जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हुआ इन सभी कार्यों के लिए कंप्यूटर का उपयोग होने लगा ।  इसे इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (E.D.P) कहते हैं डाटा प्रोसेसिंग का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डाटा(Raw Data) से व्यवस्थित डाटा (Information) प्राप्त करना है जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है।

Input  →  Process    ⟶ output
    ↑                                     ↓
Incoming Data       Outgoing information


कंप्यूटर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रशन, उत्तर सहित ।

1. निम्न में से कौन सा कंप्यूटर का बुनियादी कार्य नहीं है ? 
  • इनपुट को स्वीकार करना
  • डाटा को प्रोसेस करना
  • डाटा को स्टोर करना
  • टेक्स्ट को स्कैन करना
उत्तर - टेस्ट को स्कैन करना
2. किसी बाहरी स्रोत से आती है और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में फीड की जाती है, उस सूचना को...….. कहते हैं ?
  •  आउटपुट 
  • इनपुट 
  • रिपोर्ट 
  • इनमें से कोई नहीं
उत्तर - इनपुट

3.सूचना के नियंत्रण के अंतर्गत आपरेटर करने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो डाटा को स्वीकार कर सकती है, डाटा को प्रोसेस कर सकती है, आउटपुट प्रोड्यूस करती है और भविष्य में प्रयोग के लिए परिणामों को स्टोर करती है..........
  •  इनपुट 
  • कम्प्यूटर
  •  सॉफ्टवेयर 
  • हार्डवेयर
  •  इनमें से कोई नहीं
उत्तर - कम्प्यूटर

4. कंप्यूटर के सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का फंक्शन क्या है?
  • इनवॉइस बनाता है 
  • गणना और प्रोसेसिंग करता है 
  • डाटा डीलीट करता है
  •  डाटा को करप्ट करता है
  •  इनमें से कोई नहीं
उत्तर - गणना और प्रोसेसिंग करता है 
5. CPU और I/O के बीच सिग्नलों के मूवमेंट को कौन नियंत्रित करता है ?

  • ALU 
  • कंट्रोल यूनिट 
  • मेमरी यूनिट
  • सेकेंडरी स्टोरेज  
  • इनमें से कोई नहीं
उत्तर - कंट्रोल यूनिट 

6. प्रोसेसर के 3 मुख्य भाग हैं ?
ALU, कंट्रोल यूनिट और रजिस्टर
ALU, कंट्रोल यूनिट और RAM
कैश, कंट्रोल यूनिट और रजिस्टर
कंट्रोल यूनिट, रजिस्टर और RAM
RAM, ROM और CD-ROM
उत्तर - ALU, कंट्रोल यूनिट और रजिस्टर

7. सीपीयू के ALU  में........ होते हैं ?

  • RAM स्पेस
  • रजिस्टर
  • बाइट स्पेस
  • सेकेंडरी स्टोरेज स्पेसइ
  • इनमेंसे कोई नहीं
उत्तर -रजिस्टर

8. सीपीयू में कंट्रोल मेमोरी और...... यूनिट होते है।

  • माइक्रो प्रोसेसर
  • अर्थमेटिक/लॉजिक
  • आउटपुट
  • ROM
  • इनपुट

उत्तर - अर्थमेटिक/लॉजिक

9. कंप्यूटर के सभी भागों के बीच में सामंजस्य स्थापित करता है ?

  • लॉजिक यूनिट
  •  कंट्रोल यूनिट
  • अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट 
  • यह सभी 
  • इनमें से कोई नहीं

उत्तर - कंट्रोल यूनिट

10. मानव-मन तथा कंप्यूटर में किस की गति अधिक है ?

  • मानव-मन 
  • कंप्यूटर
  • दोनों में बराबर 
  • कह नहीं सकते 
  • इनमें से कोई नहीं

उत्तर - मानव-मन



आपका अपना अमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 

कंप्यूटर के रिलेटेड महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉक से जुड़े रहे हम आपके लिए इसी तरीके से महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर लाते रहेंगे और ट्रिक्स भी अगली पोस्ट में हमारी कोशिश रहेगी 50 प्रश्न उत्तर आप आप सभी के बीच लाने की और उम्मीद है हमारी पोस्ट आपको पसंद आ रही होगी और भी बेहतरीन पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारे ब्लॉक से सदैव जुड़े रहे हमारा प्रयास यही रहेगा कि आपकी सीसीसी परीक्षा सबसे बेहतरीन निकले धन्यवाद।







Monday, 11 May 2020

May 11, 2020

Generation of Computer (कम्प्यूटर की पीढ़ियां)


हेलो  फ्रैंडस  स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉग पर, आपकी  जानकारी के लिए बता दें कि आज की इस पोस्ट  में हम कम्प्यूटर की पीढ़ियों के बारे जानेंगे।  
जैसा की आप सभी को जानकरी होनी चाहिए की यदि हम कोई भी कम्प्यूटर कोर्स करते हैं , तो हमें कम्प्यूटर के विषय में जानकारी होनी चाहिए। 
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम इस पोस्ट में कम्प्यूटर (Computer ) की जनरेशन (पीढ़ियों ) के बारे में जानने वाले हैं  तो आईये  आगे बढ़ते हैं। 

First Generation (1945-1954)

(प्रथम जेनरेशन) 

इस प्रथम जनरेशन में वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था जिससे कम्प्यूटर  को साकार कर गणनाएं   करना संभव किया

 Second Generation  (1955-1964 )
(द्धितीय  जनरेशन)

कम्प्यूटर के दुतीय जेनरेशन में ट्रांजिस्टर  टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था जिसने तब कम्प्यूटर दे आकर को थोड़ा छोटा एवं तेज कर दिया था।

Third Generation  (1965-1974)
(तृतीय जेनरेशन )

  कम्प्यूटर के तृतीय  जेनरेशन में इंटीग्रेटेड सर्किट्स (आई० सी० ) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया जिससे ये तुलनात्मक भरोसेमंद तथा तेज समझा गया।  

Fourth Generation  (1975-Till Date)
(चतुर्थ जेनरेशन )

कम्प्यूटर के चतुर्थ जेनरेशन में माईक्रो प्रोसेसर  टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया जो प्रथम, द्धितीय तथा तृतीय तीनो ही जनरेशन से काफी तेज, भरोसेमंद तथा साइज में छोटा पाया गया जिसे आप आसानी से कहीं भी इधर-उधर उठा एवं रख सकते हैं। 


Fifth Generation (Present and Next)
(वर्तमान और अगली )

पंचम जेनरेशन के कम्प्यूटर में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया जो इसे कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में सर्वोपरि सिद्ध करता है जिससे यह अपने खुद के आई० क्यू० का भी इस्तेमाल करता है। 


आपका अपना अमूल्य समय देकर हमारे पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका ह्रदय से धन्यावद। 
मैं आसा करता हूँ दोस्तों कि आपको कुछ ख़ुशी जरूर महशूस हुयी होगी, और भी कम्प्यूटर की जानकारी पाने के लिए आप हमारे इस हिन्दी ब्लॉग से जुड़े रहें मेरी पूरी कोशिश यही रहेगी कि आपको उच्च जानकारी दे पाऊ 
बहुत बहुत धन्यवाद आपका। 











Monday, 4 May 2020

May 04, 2020

कम्प्यूटर क्या है(What is computer)

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप  सभी का आपके

 अपने ब्लॉग पर, दोस्तों आपको बता दें कि आज के इस ब्लॉग में कम्प्यूटर आपको जानकारी मिलने वाली है ,  कम्प्यूटर का परिचय और कम्प्यूटर्स का इतिहास के

 विषय पर तो आयिए दोस्तों जानते हैं


कम्प्यूटर क्या है
                        (Computer) शब्द की उत्पत्ति कम्प्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना । परन्तु आज इसकी परिभाषा ही बदल गयी है क्योंकि अब कम्प्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है,आज इसका उपयोग म्यूजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई क्षेत्र में भी हो रहा है। अतः अब कह सकते हैं कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डाटा को एक्सेप्ट करता है, और एक विस्तृत स्टेप-बाई-स्टेप प्रोसेसिंग के बाद उसे इंफॉर्मेशन में बदलता है और आउटपुट रिजल्ट प्रस्तुत करता है । यह डाटा को एक्सेप्ट, स्टोर और उन्हें मैनिपुलेट करता है।
 History of Computer(कम्प्यूटर्स का इतिहास) पहले गणना के लिए प्रयोग लायी जाने वाली डिवाइसों में मकैनिकल डिवाइसे थी, अबैकस को पहला कम्प्यूटर कहा जाता है। बाद में पास्कल, लारेस, जैकब, एटासाफबेरी आदि ने कई डिवाइसे बनाया परन्तु किसी भी डिवाइस में मेमोरी ना थी  तत्पश्चात सत्रहवीं शताब्दी में चार्ल्स बैवेज ने एनालिटिकल और डिफरेंस मशीन का आविष्कार किया जिसमें मेमोरी डाली । उक्त मशीन के आविष्कार से ही आधुनिक युग की शुरुआत हुई बाद में आज की सभी  कम्प्यूटर में मेमोरी सबसे बड़ी विशेषता है। इसी के कारण चार्ल्स बैवेज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है। ENIAC प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर है। यही से इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर का युग शुरू हो गया।


कम्प्यूटर के उपयोग
कम्प्यूटर की पीढ़ियां
कम्प्यूटर की विशेषताएं
कंप्यूटर की कार्य प्रणाली